आचार्य चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे | वे चन्द्रगुप्त के प्रमुख सलाहकार थे, लेकिन फिर भी वे एक सामान्य सी कुटिया में अपना जीवनयापन करते थे | वे अपने सादे जीवन और उच्च विचारो के लिए जाने जाते थे | उन्होंने अपने सम्पूर्ण ज्ञान को एक पुस्तक में समाहित किया और उसे चाणक्य नीति नाम दिया | चाणक्य नीति में ऐसी कई बातो के बारे में बताया गया है, जिनको यदि जीवन में समाहित कर लिया जाए तो आसानी से सफलता प्राप्त की जा सकती है |
चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगो के बारे में बताया है, जिन्हे कभी नींद से नहीं जगाना चाहिए | आचार्य चाणक्य ने ऐसे 7 प्रकार के प्राणियों का जिक्र किया है, जिन्हे भूलकर भी सोते समय नहीं जगाना चाहिए | कई बार इन्हे जगाना मौत का कारण भी बन सकता है |
अहिं नृपं च शार्दूलं बरटिं बालकं तथा।
परश्वानं च मूर्खं च सप्त सुप्तान्न बोधयेत्।।
आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक के माध्यम से उन प्राणियों का जिक्र किया है |
1. अपने इस श्लोक के माध्यम से आचार्य ने बताया है कि कभी किसी राजा को नींद से नहीं जगाना चाहिए, क्योंकि राजा को नींद से जगाने से आप राजा के क्रोध का शिकार बन सकते है |
2. कभी भी भूलकर सोते हुए शेर को नहीं जगाना चाहिए, क्योंकि सोते हुए शेर को जगाने से आप मृत्यु के शिकार हो सकते है |
3. कभी सोते हुए सांप को जगाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जागने पर सांप आपको काटने की कोशिश करेगा |
4. एक सोते हुए बच्चे को जगाना नहीं चाहिए, क्योंकि उसके जागने पर उसे संभालना बेहद मुश्किल है |
5. कोई भी हिंसक पशु या पराये कुत्ते को नहीं जगाना चाहिए, क्योंकि ये निश्चित है कि वो आपको काटने की कोशिश करेगा |
6. यदि कोई मुर्ख सो रहा हो तो उसे सोता ही रहने दिया जाए, क्योंकि उसे जगाने से आपको ही मुसीबत उठानी पड़ेगी |
7. कोई भी ऐसा कीड़ा जो डंक मारता है, उसे भूलकर भी नहीं जगाना चाहिए, क्योंकि इसका परिणाम कभी अच्छा नहीं होता |